सरकार की ओर से समय-समय पर कई प्रकार की भूमि सुधारो के संबंध में अलग-अलग नियम जारी किए जाते हैं हाल ही में केंद्र सरकार ने बजट घोषणा में कई भूमि सुधार संबंधित नियम बनाए हैं जिसमें भूमि संबंधित सुधारो के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या या भू आधार और सहकारी भूमि अभिलेख के डिजिटल कारण का प्रस्ताव भी रखा गया है सरकार की ओर से बनाए जाने वाले इस भू आधार कार्ड के बनने के बाद जमीन का मालिक आना है स्पष्ट होगा और जमीन संबंधित विवाद खत्म होंगे।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि केंद्रीय बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में सभी भूमि भू करो के लिए विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करने की घोषणा फिलहाल ही में की गई है जिसे अब भूमि आधार के रूप में जाना जाएगा इसके अलावा 2027 तक शहरी भूमि अभिलेख का डिजिटलीकरण किया जाएगा साथ ही केंद्र सरकारइन सभी सुधारो को गति देने के लिए राज्यों की वित्तीय सहायता भीकरना चाहती है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में यह भी कहा है कि ग्रामीण शहरी दोनों क्षेत्रों में इन भूमि सुधारो को लागू करने के लिएराज्य सरकार के साथ मिलकर यह काम सुनिश्चित किया जाएगा।
भू आधार काम कैसे करेगा
भू आधार का काम समझने के लिए, सामान्य भाषा में यह विवरण दिया जा सकता है:
1. जीपीएस तकनीकी (GIS) का प्रयोग: सबसे पहले, भूखंड की सटीक भौगोलिक स्थिति को जानने के लिए जीपीएस तकनीकी का उपयोग किया जाता है। इससे भूखंड की सही सीमाओं की पहचान होती है।
2. सर्वेक्षण: उसके बाद, भूमि की सीमाओं को भौतिक रूप से सत्यापित करने के लिए सर्वेक्षण किया जाता है। इससे स्थानीय समुदाय के साथ माफी होती है।
3. भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन: फिर, भूखंड के लिए विभिन्न विवरण जैसे कि मालिक का नाम, उपयोग श्रेणी, और विवरण आदि को एकत्रित किया जाता है। यह सभी जानकारी भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली में दर्ज की जाती है।
4. भू आधार संख्या: अंत में, एक भू आधार संख्या तैयार की जाती है जो भूखंड के लिए होती है। यह संख्या डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ी होती है और उस खंड की पहचान में मदद करती है।
इस प्रक्रिया के माध्यम से, भू आधार प्लेटफ़ॉर्म भूमि संबंधी जानकारी को संग्रहित करता है और विवादों के समाधान में सहायक होता है, साथ ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होने के लिए भी उपयुक्त बनाता है।
भू आधार में कौन सी जानकारी मिलती है
भूमि आधार को आधार कार्ड की तरह बनाया जाता है। इसमें राज्य कोड, जिला कोड, उप जिला कोड, गांव कोड, भूखंड की विशिष्ट आईडी संख्या आदि शामिल होते हैं। भूमि आधार संख्या डिजिटल और भौतिक भूमि रिकॉर्ड दस्तावेज के रूप में अंकित की जाती है।
Bhu Aadhaar ULPIN का फायदा
भू आधार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भूमि स्टार मानचित्र और मैप के माध्यम से सटीक भूमि अभिलेख सुनिश्चित किया जा सकता है और भूखंड पहचान से स्पष्टता दूर होती है जो अक्सर भूमि विवाद का कारण बनती है। इस आधार कार्ड से लिंक होने से भूमि अभिलेख तक ऑनलाइन पहुंच सक्षम होती है और उसे भूखंड से संबंधित सम्पूर्ण इतिहास और स्वामित्व विवरण को ट्रैक किया जा सकता है। इसके साथ ही, नीति निर्माण के लिए सरकार को सटीक भूमि डेटा भी प्राप्त होता है।